कल रात अचानक फिर मिली
चॉकलेट के रैपर में लिपटी
भूली बिसरी सी वो
मखमली शाम
उन लम्हों के लम्स महसूसते हुए
मन रेशम रेशम हो गया
और उनमे खोयी हुई मैं
पश्मीना सी...
वो शाम जब सूरज पिघल के
मेरे दुपट्टे में भर आया था
और तुमने हथेली से ढक दी थीं
चाँद की आँखें
तुम्हें शायद पता नहीं
उस शाम
तुम्हारी आँखों की चमक भी
कितनी रेशमी थी !
तुम्हारी
उस मुस्कराहट का टिप्पा
कल फिर महसूस हुआ
पेशानी पर...
-- ऋचा
चॉकलेट के रैपर में लिपटी
भूली बिसरी सी वो
मखमली शाम
उन लम्हों के लम्स महसूसते हुए
मन रेशम रेशम हो गया
और उनमे खोयी हुई मैं
पश्मीना सी...
वो शाम जब सूरज पिघल के
मेरे दुपट्टे में भर आया था
और तुमने हथेली से ढक दी थीं
चाँद की आँखें
तुम्हें शायद पता नहीं
उस शाम
तुम्हारी आँखों की चमक भी
कितनी रेशमी थी !
तुम्हारी
उस मुस्कराहट का टिप्पा
कल फिर महसूस हुआ
पेशानी पर...
-- ऋचा
Bahut Khoob likha hai aapne..
ReplyDeletePashmina se komal ehsaas ko sameti huee kavita
Happy Blogging
wow..bahut khubsoorat...
ReplyDeleteऔर आप कहती हो की आपको शब्दों से खेलना नहीं आता.. बहुत सुंदर नज़्म.. :)
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत ...पश्मीना सा ही एहसास हुआ पढ़ कर
ReplyDeleteसब कुछ रेशम रेशम है......
ReplyDeleteइतना ही थोड़ी ना हुआ होगा !!!
ReplyDeleteवाह क्या खूब अहसासो को संजोया है………बहुत सुन्दर बिम्ब प्रयोग्।
ReplyDeleteबेहतरीन और कोमल भाव
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कोमल भाव | धन्यवाद|
ReplyDeleteआपका ब्लॉग मेरे लिए अनमोल है...सच में....
ReplyDeleteअब हर पोस्ट पर तारीफ क्या करना...:) अब से अपनी हर पोस्ट पर मेरी तरफ से तारीफ के शब्द खुद जोड़ लीजियेगा...
और गाने कहाँ से लाती हैं आप ??
वैसे तो मेरे पास भी करीब ४०,००० गानों का कलेक्शन है...लेकिन हर बार यहाँ सरप्राईज मिलता है....:)
गुलज़ार को टुकडो में बांटकर यहाँ नए रेपर में डाला है.......
ReplyDeleteCadbury Dairy milk "silk" ! बस पिघलती-घुलती चली गयी जेहन में आखों की जुबाँ के रास्ते :)
ReplyDeletekhoobsurat
ReplyDeleteawwww..so beautiful.....kya kahoon, bohot bohot bohot hi zyaada khoobsurat hai.....mmmuuaahhhh!
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