Saturday, January 28, 2012

तुम आये तो..........!



तुम आये तो पीले फूलों का मौसम फिर लौटा है देखो
तुम आये तो गौरैया फिर मेरे पेड़ों पे चहकने लगी
तुम आये तो सरगम हवाओं में फिर तैरने लगी
तुम आये तो ख़ुश्बू फिर बिखर गई फिज़ाओं में
तुम आये तो नीली झील का पानी फिर से लरज़ उठा
तुम आये तो चाँदनी फिर मुस्कुरा उठी
तुम आये तो लाल रंग कुछ और सुर्ख़ हो चला
तुम आये तो बारिशें फिर हसीन लगने लगीं
तुम आये तो इन्द्रधनुष फिर सज गया फ़लक पे
तुम आये तो आँखें फिर छलक उठी ख़्वाबों से
तुम आये तो ख़ुद पर फिर यकीं हो चला है
तुम आये तो होठों को भूली हँसी फिर याद आयी
तुम आये तो एहसासों ने फिर करवट ली
तुम आये तो जी करता है नाच उठूँ फिर से
तुम आये तो फिर जीने का दिल करता है
तुम आये तो..........!

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