Lamhon Ke Jharokhe Se...

कुछ लम्हे कभी ख़त्म नहीं होते... हमारी यादों में ठहर जाते हैं, "फ्रीज़" हो जाते हैं... यादों की झोली से निकाले हुए ऐसे ही कुछ ठहरे हुए लम्हे...

Thursday, May 21, 2020

ख़ानाबदोश !

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ये मन भी कितना चंचल होता है न... कभी एक जगह टिकता ही नहीं... बिलकुल उस तितली की तरह जो फूलों से भरे बाग़ीचे में पहुँच कर एकदम...
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Saturday, May 16, 2020

बनारस डायरीज़ 2 - सुबह-ए-बनारस !

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बनारस ! ये नाम लेते ही कुछ चीज़ें अनायास ही जुबां पर चली आती हैं.. जैसे बनारस की गलियाँ, बनारसी साड़ी, काशी विश्वनाथ मंदिर और सुबह-ए-बन...
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Friday, May 15, 2020

बनारस डायरीज़ 1 - रस रस बनारस !

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बनारस ! पहली नज़र में यूँ लगता है मानो भीड़ का अम्बार... जैसे कोई मेला देखने, रेला का रेला भागता चला जा रहा हो... रिक्शा, ऑटो, साइकिल,...
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Friday, January 18, 2019

शाम की आग़ोश में आमेर !

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आमेर...  समय की धुरी पे सदियों से टिका एक किला... जो सिर्फ़ एक किला नहीं... पत्थरों में तराशी हुई एक दिलकश दास्तां है... जिसे जितन...
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Monday, July 3, 2017

केरल डायरीज़ - ६ : फिरोज़ी इश्क़... कोवलम !

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२ फरवरी २०१७ कोवलम ... यानी नारियल के पेड़ों का उपवन... इससे बेहतर और उपयुक्त नाम हो ही नहीं सकता इस जगह का... दूर तक फैला नीला अ...
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richa
अपने बारे में क्या बताऊँ आपको, नवाबों के शहर लखनऊ में पली बढ़ी एक आम लड़की हूँ, a software engineer by profession... लेखिका नहीं हूँ सो शब्दों से खेलना नहीं आता, पर सराहना ज़रूर आता है और ज़िन्दगी की छोटी छोटी चीज़ों में खुशियाँ तलाशना आता है... बच्चों की मासूम किलकारी, फूलों की ख़ुश्बू, प्रकृति की शान्ति, रंग बिरंगी तितलियाँ, हवा में उड़ते गुब्बारे, बारिश की बूँदें, मिट्टी की सौंधी सी महक... बरबस ही हमें अपनी ओर खींच लेते हैं... i believe, with all its complications and uncertainties, life is still beautiful and worth living... u just have to face it with a positive attitude and take everything in ur stride !!
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