कुछ लम्हे कभी ख़त्म नहीं होते... हमारी यादों में ठहर जाते हैं, "फ्रीज़" हो जाते हैं... यादों की झोली से निकाले हुए ऐसे ही कुछ ठहरे हुए लम्हे...
Sunday, May 3, 2009
शाम
aaj aapko faiz ji ki ek bahot hi khoobsurat si nazm se roobaru karwane ja rahe hain jise humne haal hi me padha internet pe.. achhi lagi to socha aap sab ke saath share karen... aapko bhi achchhi lage to bataaiyega zaroor...
इस तरह है कि हर एक पेड़ कोई मंदिर है
कोई उजड़ा हुआ बेनूर पुराना मंदिर
ढूंढता है जो ख़राबी के बहाने कब से
चाक हर बाम, हर एक दर का दम-ए-आख़िर है
आसमां कोई पुरोहित है जो हर बाम तले
जिस्म पर राख मले, माथे पे सिंदूर मले
सर-निगूं बैठा है चुपचाप न जाने कब से
इस तरह है कि पस-ए-पर्दा कोई साहिर है
जिसने आफ़ाक पे फैलाया है यूँ सहर का दाम
दामन-ए-वक़्त से पैवस्त है यूँ दामन-ए-शाम
अब कभी शाम ढलेगी, न अँधेरा होगा
अब कभी रात बुझेगी, न सवेरा होगा
आसमां आस लिए है कि ये जादू टूटे
चुप की ज़ंजीर कटे, वक़्त का दामन छूटे
दे कोई शंख दुहाई, कोई पायल बोले
कोई बुत जागे, कोई सांवली घूँघट खोले
-- फैज़ अहमद फैज़
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Seems like each tree is a temple,
an ancient temple in ruins,
and is seeking excuses to tremble,
who knows since when,
with its roof cracked
doors lost to old winds.
The sky seems like a priest,
ashes smeared on its body,
saffron smudged on its forehead.
Like a magician behind a curtain
it is sitting silently who knows since when.
It has hypnotized time casting an evening net -
the evening will not cease now
nor will go the darkness,
night will not come now
nor will the morning dawn.
The sky's waiting for this spell to be broken
that the chains of silence are cut
and time is freed from it net;
that someone blows a conch to wake up an idol,
that some dark goddess unveils its face
and its anklets echoing, it dances.
-tr. Ravi Kopra
इसे पढ़वाने के लिए शुक्रिया ...मुझे बहुत अच्छी लगी
ReplyDeleteमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
achhi koshish hai in sundar rachnaao ko sabse baantne ki
ReplyDeletedobara...ek lajawab prastuti.....ab Faiz saheb ki rachnao ne bolne layak bhi choda hain jo bolu kuch....Tumne inko humtak pahuchaya iska shukriya
ReplyDeleteहौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का धन्यवाद... कोशिश जारी रहेगी...
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